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विद्यालय से महाविद्यालय की ओर.........

विद्यालय से महाविद्यालय की ओर......... 12th के परीक्षा परिणाम घोषित होने के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया 2023-24 आरंभ हो चुकी है । पर्यावरण के प्रति सजगता और भविष्य में डिजिटलाइजेशन की महत्ता को ध्यान में रखते हुए सत्र 2023 -24 की प्रवेश प्रक्रिया नितांत पेपरलेस रूप में रखी गई है। इसमें प्रवेशार्थी को ऑनलाइन पंजीयन कराते समय आवश्यक प्रपत्र यथा- मार्कशीट ,टीसी आदि अपलोड करने होंगे । प्रत्येक प्रवेशार्थी अथवा उसके अभिभावकों को चाहिए कि वह ऑनलाइन पंजीयन से पूर्व ,जहां प्रवेश लेना चाहते हैं उस महाविद्यालय या निकटतम संस्थान में जाकर जानकारी प्राप्त करें । शासन के आदेशानुसार प्रत्येक महाविद्यालय में हेल्पडेस्क तथा काउंसलिंग सेल बनाई गई है ,जो प्रवेशार्थी छात्र/ छात्रा का प्रवेश प्रक्रिया में मार्गदर्शन करेगी। चूँकि विद्यालय से महाविद्यालय में प्रवेश हो रहा है ,अनेक स्तर पर नए-नए परिवर्तन होते हैं।साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विषय चयन भी सावधानीपूर्वक करने की आवश्यकता है अतः महाविद्यालय जाकर जानकारी लेना न केवल उचित होगा अपितु आवश्यक भी है । प्रथम वर्ष में प्रवेश पर प्रवेशार्थी को कुल 6 विषय का चयन करना होता है , जिनमें तीन विषय अनिवार्य (आधार पाठ्यक्रम, व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं फील्ड प्रोजेक्ट )तथा शेष 3 विषय क्रमशः मेजर सब्जेक्ट माइनर सब्जेक्ट और इलेक्टिव अथवा ओपन इलेक्टिव सब्जेक्ट होते हैं। इलेक्टिव और ओपन इलेक्टिव के अंतर को ठीक से समझना आवश्यक है। क्योंकि शिक्षा नीति को लागू हुए तीसरा वर्ष आरंभ हो रहा है अभी तक कुछ विश्वविद्यालय तक इस विषय को लेकर संभ्रम की स्थिति में हैं। यदि कोई छात्र छात्रा बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लेता है तो बी ए के सभी विषय (हिंदी ,संस्कृत, अंग्रेजी ,इतिहास ,राजनीति विज्ञान ,समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, चित्रकला, भूगोल ,संगीत आदि) उसके लिए मेजर सब्जेक्ट हो सकते हैं । वह इन में से किसी भी एक विषय का चयन मेजर विषय के रूप में कर सकता है । मेजर विषय के चयन में यह ध्यान रखना होगा कि जो विषय हमारे लिए उपयोगी है या रुचिकर है अथवा जिस विषय का विशेष अध्ययन हम भविष्य में प्राप्त करना चाहते हैं ,उसी विषय को मेजर सब्जेक्ट के रूप में लेना चाहिए , क्योंकि यह मेजर सब्जेक्ट ही है जिसमें स्नातक के चतुर्थ वर्ष में हम रिसर्च करते हुए शोध की दिशा में बढ़ पाएंगे । मेजर सब्जेक्ट के दो प्रश्न पत्र होते हैं ,जिनका अध्ययन करना होता है । इसी क्रम में माइनर सब्जेक्ट के रूप में भी किसी भी विषय को लिया जा सकता है तथा इलेक्टिव के रूप में भी बी ए प्रथम वर्ष के लिए इनमें से कोई भी विषय लिया जा सकता है। बीए का छात्र बी ए के विषय को ही तीसरे विषय के रूप में यदि लेता है तो वह इलेक्टिव कहलाएगा किंतु यदि बीए का छात्र तीसरे विषय के रूप में भौतिकी, रसायन या राष्ट्रीय सेवा योजना स्पोर्ट्स आदि में से किसी विषय का अध्ययन करना चाहता है तो उक्त विषय छात्र के लिए ओपन इलेक्टिव कहलाएंगे। इसी प्रकार बीएससी का छात्र इतिहास पढ़ना चाहे तो उसके लिए इतिहास ओपन इलेक्टिव होगा। यहां यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि इलेक्टिव के रूप में विषय का पाठ्यक्रम और ओपन इलेक्टिव के रूप में उसी विषय का पाठ्यक्रम प्रथक प्रथक होंगे। बी ए के छात्र द्वारा माइनर तथा इलेक्टिव के रूप में पढ़ा जाने वाला सब्जेक्ट ही मेजर सब्जेक्ट का द्वितीय प्रश्न पत्र होगा। इस प्रकार मेजर विषय का द्वितीय प्रश्न पत्र तथा माइनर विषय एवं इलेक्टिव विषय वस्तुत: एक ही पाठ्यक्रम हैं। मेजर सब्जेक्ट के द्वितीय प्रश्न पत्र के साथ ही उसी विषय के माइनर और इलेक्टिव की परीक्षा कराई जा सकती है । तीन अनिवार्य विषय में आधार पाठ्यक्रम के दो प्रश्नपत्र हैं, जिनमें प्रथम प्रश्न पत्र में भाषा ज्ञान की दृष्टि से हिंदी और अंग्रेजी को रखा गया है । इसकी परीक्षा वैकल्पिक प्रश्न पत्र के रूप में ली जाती है । आधार पाठ्यक्रम के द्वितीय प्रश्न पत्र के रूप में प्रथम वर्ष के लिए योग एवं पर्यावरण विषय रखा गया है । इस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा में भारतीयता के समावेश के साथ-साथ शिक्षा को सर्व सुलभ और समावेशी बनाने का प्रयास किया गया है। व्यवसायिक (वोकेशनल )पाठ्यक्रम के रूप में व्यक्तित्व विकास कौशल विकास जैसे विषय के द्वारा आरंभ से ही छात्र में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन जैसे गुणों के विकास की भूमिका तैयार की जाती है । फील्ड प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रोजेक्ट विद सर्वेक्षण ,सामुदायिक सेवा के द्वारा शोध वृत्ति को बढ़ाने तथा शोध के क्षेत्र में अग्रसर होने अवसर प्रदान करना है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के वास्तविक क्रियान्वयन से आगामी 10 वर्ष में अत्यंत समर्थ ,शक्तिशाली और गौरव से परिपूर्ण विश्व गुरु भारत के हम सब साक्षी होंगे , ऐसा मेरा विश्वास है। डॉ शिवकुमार शर्मा अध्यक्ष हिंदी विभाग माधव महाविद्यालय ग्वालियर, (म प्र)